चीन में भारत के पूर्व राजदूत गौतम बंबावाले ने हाल ही में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन किया, जिसमें भारत की विदेश नीति और उसकी रणनीतिक दिशा पर गहन चर्चा हुई। बंबावाले ने कहा कि भारत की विदेश नीति यथार्थवाद और आदर्शवाद के बीच संतुलन को दर्शाती है, जो विकासात्मक अनिवार्यताओं, रणनीतिक स्वायत्तता और समावेशी वैश्विक दृष्टिकोण पर आधारित है।
पब्लिक इंटेलिजेंस काउंसिल (PIC) द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कार्यक्रम में कई अहम मुद्दों पर विमर्श हुआ — जिनमें चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध, आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति, और रक्षा व कूटनीति में प्रौद्योगिकी, ड्रोन और साइबर क्षमताओं की बढ़ती भूमिका प्रमुख रहे।
कार्यक्रम के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भी विस्तार से चर्चा हुई। बंबावाले ने कहा कि इस अभियान में पाकिस्तान द्वारा चीनी हथियारों के इस्तेमाल** से यह स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी पहले से कहीं अधिक गहरी हो चुकी है।
गौरतलब है कि 7 मई 2025 को शुरू किया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। यह अभियान भारत की तीनों सेनाओं द्वारा एक सुनियोजित और सटीक सैन्य कार्रवाई के रूप में संचालित किया गया था।
बंबावाले ने बताया कि इस ऑपरेशन की योजना खुफिया एजेंसियों की बहु-स्तरीय जानकारी पर आधारित थी, जिसने नौ प्रमुख आतंकी शिविरों की पहचान की थी। भारत की जवाबी कार्रवाई सटीक खुफिया इनपुट और न्यूनतम नागरिक क्षति के सिद्धांत पर आधारित थी।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने इस पूरे अभियान में परिचालन नैतिकता का पालन करते हुए संयम और मानवीय दृष्टिकोण बनाए रखा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न केवल भारत की सैन्य क्षमता को दर्शाया बल्कि यह भी दिखाया कि देश अब कूटनीति और सुरक्षा नीति दोनों में संतुलित और आत्मविश्वासी दृष्टिकोण अपना रहा है।