भारतीय मूल के उद्योगपति बंकिम ब्रह्मभट्ट पर अमेरिकी इन्वेस्टमेंट कंपनी ब्लैकरॉक और अन्य ऋणदाताओं से लगभग 500 मिलियन डॉलर (करीब ₹4,300 करोड़ रुपये) की लोन धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप लगा है। प्रतिष्ठित अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने इस पूरे मामले को “Breathtaking Fraud” यानी “सांस रोक देने वाली धोखाधड़ी**” करार दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मभट्ट ने अपनी दूरसंचार सेवा कंपनियों के नाम पर फर्जी ग्राहक खातों और नकली बिलिंग दस्तावेजों को लोन गारंटी (collateral) के रूप में दिखाया और बैंकों से भारी रकम का ऋण प्राप्त किया। यह पूरा घोटाला अमेरिकी वित्तीय बाजारों में बड़ी हलचल का कारण बना हुआ है।
हालांकि, **बंकिम ब्रह्मभट्ट और उनकी कानूनी टीम ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि यह मामला गलतफहमी और प्रतिस्पर्धियों की साजिश पर आधारित है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल ब्रह्मभट्ट अमेरिका में नहीं हैं, और ऐसा माना जा रहा है कि वह भारत में कहीं छिपे हुए हैं। जब HPS कंपनी के कर्मचारी न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी स्थित उनके दफ्तर पहुंचे, तो ऑफिस पर ताला लटका मिला। आसपास के लोगों ने बताया कि कई हफ्तों से कोई कर्मचारी वहां नहीं आया।
जांच अधिकारी जब ब्रह्मभट्ट के गार्डन सिटी स्थित घर पहुंचे, तो वहां भी सन्नाटा पसरा था। घर के ड्राइववे में दो BMW, एक Porsche, एक Tesla और एक Audi खड़ी थीं, लेकिन मुख्य दरवाजा बंद था। यहां तक कि पोर्च पर पड़ा एक पार्सल धूल से ढका हुआ था, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि ब्रह्मभट्ट अचानक अमेरिका छोड़कर चले गए।
अमेरिकी जांच एजेंसियों ने अब इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग मांगा गया है। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, यह मामला अमेरिका के कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे बड़े व्यक्तिगत लोन फ्रॉड्स में से एक बन सकता है।